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- تو ز هر ذره وجودت بشنو ناله و زاری
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دیوان کبیر |
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- تو سبب سازی و دانایی آن سلطان بین
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دیوان کبیر |
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- تو شاخ خشک چرایی به روی یار نگر
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دیوان کبیر |
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- تو عاشقی چه کسی از کجا رسیدستی
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دیوان کبیر |
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- تو فقیری تو فقیری تو فقیر ابن فقیری
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دیوان کبیر |
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- تو کمترخوارهای هشیار میرو
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دیوان کبیر |
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- تو کیی در این ضمیرم که فزونتر از جهانی
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دیوان کبیر |
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- تو گواه باش خواجه که ز توبه توبه کردم
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دیوان کبیر |
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- تو مرا جان و جهانی چه کنم جان و جهان را
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دیوان کبیر |
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- تو مرا می بده و مست بخوابان و بهل
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دیوان کبیر |
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- تو مردی و نظرت در جهان جان نگریست
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دیوان کبیر |
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- تو نفس نفس بر این دل هوسی دگر گماری
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دیوان کبیر |
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- تو نقد قلب را از زر برون کن
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دیوان کبیر |
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- تو نقشی نقش بندان را چه دانی
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دیوان کبیر |
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- تو نور دیده جان یا دو دیده مایی
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دیوان کبیر |
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- تو نه چنانی که منم من نه چنانم که تویی
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دیوان کبیر |
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- تو هر جزو جهان را بر گذر بین
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دیوان کبیر |
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- تو هر چند صدری شه مجلسی
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دیوان کبیر |
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- تو هر روزی از آن پشته برآیی
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دیوان کبیر |
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- توبه سفر گیرد با پای لنگ
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دیوان کبیر |
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