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- مرا پرسی که چونی بین که چونم
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دیوان کبیر |
شعر |
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- مرا پرسید آن سلطان به نرمی و سخن خایی
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دیوان کبیر |
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- مرا تو گوش گرفتی همیکشی به کجا
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دیوان کبیر |
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- مرا چو زندگی از یاد روی چون مه توست
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دیوان کبیر |
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- مرا چون تا قیامت یار اینست
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دیوان کبیر |
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- مرا چون کم فرستی غم حزین و تنگ دل باشم
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دیوان کبیر |
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- مرا چون ناف بر مستی بریدی
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دیوان کبیر |
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- مرا حلوا هوس کردست حلوا
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دیوان کبیر |
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- مرا خواندی ز در تو خستی از بام
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دیوان کبیر |
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- مرا در خنده میآرد بهاری
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دیوان کبیر |
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- مرا در دل همیآید که من دل را کنم قربان
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دیوان کبیر |
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- مرا دلبر چنان باید که جان فتراک او گیرد
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دیوان کبیر |
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- مرا سودای آن دلبر ز دانایی و قرایی
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دیوان کبیر |
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- مرا عاشق چنان باید که هر باری که برخیزد
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دیوان کبیر |
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- مرا عقیق تو باید شکر چه سود کند
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دیوان کبیر |
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- مرا عهدیست با شادی که شادی آن من باشد
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دیوان کبیر |
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- مرا گویی چه سانی من چه دانم
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دیوان کبیر |
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- مرا گویی که چونی تو لطیف و لمتر و تازه
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دیوان کبیر |
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- مرا گویی که رایی من چه دانم
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دیوان کبیر |
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- مرا میگفت دوش آن یار عیار
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دیوان کبیر |
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